क्या जेल से सरकार चला पाएंगे केजरीवाल, तिहाड़ के पूर्व जेलर ने बताए नियम

शराब नीति मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राऊज एवेन्‍यू कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने केजरीवाल को सात दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिमांड पर भेज दिया है और 28 मार्च को उनकी कोर्ट में पेशी होगी. ईडी की हिरासत के दौरान ‘आजतक’ से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे. संवैधानिक तौर पर भले ही जेल से सरकार चलाने पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन क्या व्यवहारिक तौर पर यह मुमकिन है|

केजरीवाल की मुश्किलें, ED के बाद सीबीआई ले सकती है रिमांड पर

तिहाड़ जेल में सालों तक अलग-अलग पदों पर रह चुके सुनील कुमार गुप्ता से हमने इस मसले पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल न्यायिक हिरासत में रहते हुए बिलकुल सरकार चला सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘Delhi Prison Act-2000 के तहत एडमिनिस्ट्रेशन किसी भी बिल्डिंग या किसी भी जगह को जेल डिक्लेयर कर सकता है और ऐसा होता है तो अरविंद केजरीवाल वहां रह कर सरकार चला सकते हैं, लेकिन ये करने का अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल के पास होता है…’

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तिहाड़ जेल के पूर्व सुप्रीटेंडेंट सुनील गुप्ता ने बताया कि उद्योगपति सुब्रत रॉय सहारा के मामले में एक बार ऐसा हुआ है जब एलजी के आदेश पर तिहाड़ जेल के एक कॉप्लेक्स को जेल डेक्लियर किया गया था. उसमें इंटरनेट, फोन और वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा थी, उसी में रह कर सहारा श्री ने अपनी प्रॉपर्टी बेंची थी और सभी पैसे चुकाए थे जिसके बाद उनको बेल मिली थी.

सुनील गुप्ता ने बताया कि किसी भी बिल्डिंग या जगह को Delhi Prison Act -2000 के तहत जेल डेक्लियर करने का अधिकार सिर्फ एलजी के पास है. आम आदमी पार्टी की सरकार और एलजी के बीच जिस तरह के संबंध हैं, उसे देखते हुए तो ये नामुमकिन लगता है की केजरीवाल को ऐसी कोई सुविधा मिले….हालत तो ये हैं कि एक्साइज पॉलिसी घोटाले की जांच के लिए एलजी ने ही सीबीआई को फाइल भेजी थी. ऐसा नहीं होता तो फिर आम कैदियों की तरह जेल से सरकार चलाना बेहद मुश्किल टास्क होगा…लगभग नामुमकिन होगा.

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– कैदी से किसी भी तरह की कोई भी फाइल साइन नहीं कराई जा सकती.
– जेल मैनुअल के मुताबिक, किसी भी कैदी को जेल में जाने के बाद जेल प्रशासन को 10 लोगों के नाम देने होते हैं, जो 10 लोगों के नाम वो देगा उनमें से कोई भी शख्स जेल में टेलीफोन करेगा. इसे टेली बुकिंग कहते हैं. वो जेल में बताएगा कि वो किस तारीख को कैदी से मिलने के लिए आना चाहता था.
– जेल ऑपरेटर बताता है कि किस दिन आना है किस दिन नहीं. एक बार में तीन लोग मुलाकात करने जेल में आ सकते हैं.
– मुलाकात के दौरान कैदी एक तरफ होता है और मुलाकात करने आया शख्स दूसरी तरफ होता है बीच में आयरन की जाली होती है.
– मुलाकात का वक्त 9:30 बजे शुरू होता है और 12:30 बजे तक मतलब 3 घंटे चलता है.

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अरविंद केजरीवाल एक नॉर्मल कैदी की तरह जेल में रहेंगे तो वो कोई फाइल साइन नहीं कर पाएंगे. तिहाड़ जेल के सूत्र बताते हैं कि दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के मामले में तिहाड़ जेल को जो सीसीटीवी सामने आया था जिसमें वो मसाज करवाते दिखे थे उसके बाद से वैसे ही जेल में हड़कंप मचा हुआ है. जेल में सत्येंद्र जैन को मिलने वाली सुविधाओं का खुलासा खुद ED ने अदालत में किया था. चूंकि अरविंद केजरीवाल एक हाई प्रोफाइल शख्स हैं, जेल में भी उन पर एजेंसियों की पैनी नजर होगी. ऐसे में जेल प्रशासन का कोई अधिकारी किसी भी तरह की ढील देकर खुद पर आफत लेने से बचेगा|

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